सूरज धरती से कितना दूर है - Suraj Dharti Se Kitna Dur Hai

सूरज धरती से कितना दूर है - Suraj Dharti Se Kitna Dur Hai

सूरज धरती से कितना दूर है :- हेलो दोस्तों!आज हम आपको सूर्य के बारे में बताने वाले हैं।जैसा की हम सब जानते हैं कि, सूर्य के बिना हमारा जीवन संभव ही नहीं है,ये हमारी ऊर्जा का अच्छा स्रोत है।सूर्य एक तारा है ना की ग्रह चूंकि हमारे पृथ्वी के नजदीक होने के कारण यह खुली आँखों से देखा जा सकता है।सूर्य ही सारे ग्रहों एवं उपग्रहों के लिए ऊर्जा और प्रकाश का स्रोत है।हम सबके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि हमारे solar system के सबसे बीच में स्थित सूर्य के अंदर क्या है वहाँ हालत कैसे है? पृथ्वी से सूर्य के बीच दूरी कितनी है? तो चलिए दोस्तों आज के इस Article में हम इन सब सवालों के जवाब scientific तरीके से जानने की कोशिश करते हैं।

सूर्य पृथ्वी से कितना दूर है?

ब्रह्मांड हमेशा से मनुष्यों के लिए जिज्ञासा का विषय बना हुआ है।आदिकाल से ही लोग इस पहेली को सुलझाने की कोशिश कर रहे है।तो एक ऐसा ही सवाल यह भी आया ही होगा की आखिर सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी कितनी है? हम आपको बताते है की सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी कितनी है और सूर्य की किरण पृथ्वी तक पहुँचने में कितना समय लेती है।

सूर्य से पृथ्वी के बीच दूरी 147.42 million km है।जो कि 1 AU के बराबर होती है जो 93 million miles के जितनी है।

सूर्य की किरण पृथ्वी तक पहुंचने में 8 minutes और 20 seconds लगते हैं।

सूरज के अंदर क्या है?

दोस्तों सूर्य के अंदर क्या है यह देखना आज के दिन तक असम्भव है लेकिन अगर वैज्ञानिको की माने तो इस पर हुई research के आधार पर हमने यह जाना है की इसके अंदर क्या है।सूरज के अंदर सबसे बीच में core है जोकि एक nuclear reacter है।यहाँ पर nuclear fusion होता है सूर्य पर hydrogen atoms colloid होकर fusion करते है और जिससे helium का निर्माण होता है इससे जो energy मिलती है वो sun को power देती है।अगर सूरज के तापमान की बात करें तो यहाँ पर 15000000 degree celsius तक पहुँच जाता है।यहाँ पर plasma और hot layer पायी जाती है।

सूर्य कितना बड़ा है?

अगर सूरज के आकार की बात की जाए कई सारे लोगों का मानना है की यह चंद्रमा के आकार के बराबर है लेकिन असल में ऐसा नही है।दूरी में अंतर होने के कारण हमें ऐसा लगता है।सूरज बहुत बड़ा यह इसका अंदजा आप ऐसे लगा सकते है की सूर्य की चौड़ाई लगभग 100 प्रथ्वी के आकार से भी ज़्यादा है।इसके अंदर हमारे सौर्यमंडल के आठों ग्रह लगभग 600 बार समा सकते हैं। इसके साथ साथ हमारे solar system के कुल mass का 99.8% सूर्य के अंदर और बाक़ी बचा हुया सब सम्पूर्ण सौर्यमंडल में समाया हुआ है।

सूरज का जन्म कैसे हुआ?

सूर्य हमारे ब्रह्मांड milkyway का एक हिस्सा है।अरबों वर्ष पहले अंतरिक्ष में धूल और गैस के बादल इक्कठे हुए और किसी बल के कारण यह बादल आपस में जुड़ने लगे और सिकुड़ने लगे। इसके बाद ये ठोस होने लगे।ठोस होते ही इनमे gravitational force उत्पन्न हुआ और hydrogen और helium जैसी गैसों की क्रियाओं से ऊर्जा उत्पन्न होने लगी और इसी से सूर्य कहते है।

अगर इसके बनवाट की बात करें तो लगभग 4.5 अरब साल पहले सूर्य का जन्म हुआ।यहाँ पर कोई सतह नही है,यह पूरा गैस का गोला है।

सूर्य पर कौन-कौन गया है?

आपको बता दे की इंसान आज तक चाँद पर ही उतर पाया और बाक़ी ग्रह की कोशिश हो रही है जैसे की मंगल आदि।

सूर्य पर उतरना असम्भव है यहाँ अभी तक कोई इंसान नही उतर पाया है।2018 में नासा के द्वारा एक mission सूर्य के पास rocket भेजने का किया गया।यह सूर्य के सबसे पास से गुज़रने वाला यान है।इसका नाम parker solar prop है।यहाँ अधिक gravity के कारण हमारा बचना मुश्किल है।

सूर्य को बहुत से नामों से जाना जाता है। अगर इसके पर्यायवाची शब्द की बात की जाए तो इसके निन्न नाम है— सूरज, सूर्य, रवि, दिनकर, दिवाकर, प्रभाकर, भास्कर, आदि।

अगर अब सूर्य के निकलने की बात करे तो यह मौसम के आधार पर निर्भर करता है। वर्ष भर में सूर्य के निकलने का समय बदलता रहता है।लेकिन अभी सूर्योदय का समय- 07:14 AM, दोपहर -12:32 और सूर्यास्त का समय— 17:51 यानि की 5:51 Pm का है।

तो दोस्तों उम्मीद करता हूँ आपको आज इस article के माध्यम से सूरज से सम्बंधित जानकारी मिली होगी।

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