कहानी लिखने के नियम क्या है - Kahani Likhne Ke Niyam Kya Hai
आज हम जानेंगे की कहानी लेखन क्या होती है? कहानी लेखन के नियम क्या होते हैं?
कहानी लेखन या (story writing) गद्य लेखन की एक प्रकार की कला होती है जिनमें जीवन की घटना,किसी प्रकार के चित्र को देखकर,किसी सच्ची घटना या कल्पना की गयी घटना को एक रोचक तरीके से वर्णन करना ही कहानी लेखन कहलाता है। मन में पनपने वाले आपके विचार, भावना को सही ढंग से प्रस्तुतिकरण ही कहानी लेखन कहलाता है। आइए आज हम इस Articleके माध्यम से जानते है,कि कैसे लिखी जाती है कहानी? क्या होता है कहानी लेखन?
कहानी लेखन क्या है?
अगर हम कहानी के इतिहास के बारे में बात करे तो वो उतना ही पुराना है जितना कि मानव का इतिहास है। माना जाता है कि आज से कई साल पहले लोग कथावाचक कहानियाँ सुनाते थे। धीरे-धीरे समय के अनुसार कहानी सिर्फ़ कथावाचक ही नहीं रही, अब उनका रूप बदल कर लेखन के रूप में दिखाई देने लगा। यह कहना गलत नही होगा कि मनुष्य के जीवन से जुड़ी किसी घटना का एक क्रमबद्ध और कथा का क्रमिक विकास लिखना ही कहानी लेखन कहलाता है। वर्तमान में कहानी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। आइए हम इसके बारे में और विस्तार से जाने।
कहानी कैसे लिखें ?
किसी भी कहानी को लिखने के विचार से पहले उसके स्वरूप पर बातचीत करना ज़रूरी है। कहा जाता है कि किसी चीज की शुरुआत करना बहुत कठिन होता है उसी प्रकार कहानी लिखने की शुरुआत करना भी उतना ही कठिन कार्य होता है।
कहानी दो तरीके से लिख सकते है एक तो आप खुद को उस कहानी में प्रकट करें। कहानी का मुख्य पात्र आप खुद हों। दूसरा तरीका है किसी और को मुख्य चरित्र या कुछ लोगों को मुख्य पात्र के रूप में लिखें।
कहानी लेखन के नियम क्या हैं ?
कहानी लेखन का पहला नियम यह है की उसका शीर्षक हमेशा छोटा और आकर्षित होना चाइए। उदाहरण के रूप में हम यह कह सकते है किसी कहानी का शीर्षक “लालची बिल्ली”है,अब इसी कहानी का शीर्षक हम यह रख दें की “उन बिल्लियों में सफेद वाली बिल्ली लालची है” तो यह कही ना कहीं इस कहानी के interest को कम कर रहा है। जाहिर सी बात है कि जो “लालची बिल्ली” एक छोटा सा नाम है, उसको लोग पढ़ना ज़्यादा पसंद करेंगे।
कहानी लेखन का दूसरा नियम यह कहता है कि कहानी का क्रम बना रहना चाहिए तथा कहानी कम से कम तीन तथा ज़्यादा से ज़्यादा चार Paragraph में लिखी होनी चाहिए, जिससे अगर इस प्रकार से लिखेंगे तो कहानी पढ़ने में interesting बनी रहती है।
कहानी लेखन का तीसरा नियम यह है कि आप कहानी भूतकाल
में लिखे इससे आपको कहानी लिखने में नये नये word तथा आपकी कहानी भी लम्बी होगी।
कहानी लेखन का format कैसा होना चाहिए?
कहानी लेखन से पहले हमें कहानी का एक Roughly work करना चाहिए। जैसे कि जो आप एक घटना को लिखना चाह रहे है या जो आप किसी को सुनना चाह रहें हो उसको किसी diary में note कर लें। ऐसा करने से story का आपको main material आपको मिल जाएगा।
दूसरा काम है कि आप धीरे धीरे कहानी को introduce करें। कहानी के मुख्य पात्र का प्रकट करें। इसके बाद कहानी में क्रमनुसार scenes जो जोड़ना है, कि उसमें problems के साथ-साथ,suspense भी बरकरार रहे। अंत में, हमें कहानी का अंत एक अच्छे moral के साथ समाप्त करना चाहिए,जिससे कहानी बहुत ही impressive लगे।
कहानी लिखते समय किन महत्वपूर्ण बातों का ख़याल रखाना चाहिए?
कहानी लिखने से पहले कहानी की पूरी रूपरेखा को दो तीन बार सावधानी से पढ़ना चाहिए। इससे हमें कहानी का पूर्ण अर्थ हमें समझ आ जाएगा। इसके बाद आपको यह सोच लेना चाहिए की आप कहानी में कितना और कहाँ रंग भर सकते हैं और अपनी कल्पना को कितने अच्छे से उपयोग में ला सकते हैं। कहानी के पात्र,घटना स्थान या द्र्श्य का वर्णन करना चाहिए। कहानी में पात्रों के बीच conversation होने चाहिए। सबसे जरुरी कहानी का आरम्भ आकर्षक होना चाहिए ताकि कहानी पढ़ने वाले का मन उसे पढ़ने में लगा रहे।
इसके साथ ही कहानी इतने ज्यादा सरल शब्दों में लिखी होनी चाहिए कि एक आम इंसान से लेकर intellectual person भी कहानी को बहुत ही रुचि के साथ पढ़े।