डिस्टेंस लर्निंग से ग्रेजुएशन कैसे करें - Distance Learning Se Graduation Kaise Kare



Hello दोस्तों, आज हम जानेंगे कि Distance Learning (दूरस्थ शिक्षा) क्या होती है? आज के समय में बेरोज़गारी के बढ़ने से गरीबी ज्यादा बढ़ गयी है। ऐसे में distance Learning एक सही और फ़ायदेमंद तरीक़ा दिखाई देता है।Distance Learning क्या होती है। आज हम जानंगे इस article के जरिए कि कैसे कैसे students फ़यदा उठा सकते है? क्या इसके नुक़सान भी है? यह सब जानने के लिए इस Article के अंत तक हम आपको सारी जानकारी देंगे। 

Distance Learning क्या है?

Distance Learning को हिन्दी में दूरस्थ शिक्षा कहते है।यानि कि दूर रहकर अध्ययन करना। Distance Learning, Education का वह रूप है जहां छात्र physically रूप से पढ़ाई के दौरान class में मौजूद नही होता है।इस पढ़ाई को वह Internet के जरिए या किसी tuition के जरिए पूरा करता है।

Distance Learning के कितने प्रकार होते हैं?

यहाँ हम आपको distance learning के कुछ प्रकार बताने वाले है।Distance learning का एक मात्र तरीका online देखने को मिलता है।ऐसे ही कुछ online तरीक़ों के बारे में जानते है।

  1. video conferencing- इसके जरिए छात्र और अध्यापक एक दूसरे से सामान्य रूप से बात कर सकते है।लेकिन शारीरिक रूप से नही। इसमें शिक्षकों से Live बात चीत कर सकते है जिसमें आप video call कर सकते हैं।
  2. Synchronous Learning(सिंक्रोनस लर्निंग)- इस प्रकार की शिक्षा में जब कुछ छात्रों या सभी छात्रों का समूह एक साथ एक समय में सीखते हैं, लेकिन Teacher दूसरे स्थान पर होता है।इसमें देखा गया है की अक्सर video,Teleconferencing, live chat और live streaming के जरिए शिक्षा दी जाती है।
  3. Hybrid learning- यह एक प्रकार की mixed learning है। इसमें शिक्षक class में पढ़ाता है।class में एक स्थान पर कुछ छात्रों का समूह एक साथ बैठकर पढ़ता है।

Distance learning की विशेषतायें क्या हैं?

Distance learning में विधार्थी को नियमित पर किसी institute में जाकर पढ़ाई करने की कोई जरुरत नही होती है।

Students अपनी आवश्यकता के अनुसार अपने पढ़ने का time table बना सकते है।

Distance learning में सभी chapters के लिए classes की संख्या तय होती है और भारत भर में कही जगह पढ़ाई होती है।

इससे खर्चा कम होता है जिससे वे छात्र भी पढ़ाई कर सकते है जिनके पास पैसो का अभाव होता है।

Distance learning(मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा) के कुछ संस्थान —

विश्यविद्यालय अनुदान आयोग ने 1956-1960 की अपनी report में साँयकालीन महाविद्यालय, पत्राचार  आदि शुरू करने का सुझाव दिया।

  1. 1962 में Delhi University 
  2. 1980 में सरकार ने open university आरम्भ की।
  3. 1982 में Dr. भीमराव अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।
  4. 1985 में इंदिरा गाँधी Open university की शुरुआत हुई।
  5. June 2013 में  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो की स्थापना।

Distance learning के फ़ायदे क्या क्या हैं?

Distance learning के बहुत  फ़ायदे है।

 पहला यह कि आप पढ़ाई के साथ साथ नौकरी भी कर सकते हैं।

पर इसमें छात्र की मेहनत और लगन की बात है।जैसे कोई छात्र पढ़ाई के दौरान अपनी नौकरी नही छोड़ना चाहता है उसके लिए यह किसी वरदान से कम साबित नही हुआ है। 

दूसरा यह है कि अब इसमें हम शिक्षा के जरिए अपने पैसे भी बचा सकते है।पढ़ाई के दौरान बाहर रहकर पढ़ना,रहना,खाना जैसे महँगे खर्चो से बचा जा सकता है। 

सबसे बढ़ी चीज़ इसमें छात्रों का समय का बहुत अच्छे से उपयोग हो सकता है। इसमें समय की बचत होती है आने जाने में लगा व्यर्थ का समय बचाया जा सकता है क्यूँकि आप घर बैठे बैठे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। 

इसमें छात्र अपनी क्षमता के अनुसार अपनी गति में सिखता है।इससे कमजोर छात्र भी आसानी से सीख सकता है। 

हम आशा करते है की आपको इस article के माध्यम से Distance learning के बारे में जरूरी जानकारी प्राप्त हुई होगी।

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